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महाविद्यालय का संक्षिप्त परिचय

Dr. R. K. Verma (Principal)

Dr. R. K. Verma (Principal)

म. प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के  आदेशानुसार यह  महाविद्यालय  माह  दिसंबर  वर्ष  1989 में  स्थापित  हुआ  | वर्त्तमान  में  सीप्त  रोड, पटवारी  प्रशिक्षण  के  बाजू  में  अपने  स्वयं  के  भवन  में  यह  महाविद्यालय  संचालित  है  | राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद बेंगलोर से राज्य में सर्वप्रथम श्रेणीबद्ध व उच्च स्तरीय अनुशंषित होने के कारन सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में महाविद्यालय की विशिष्ट पहचान बनी है |

इस महाविद्यालय का लक्ष्य छात्रों के लिए उच्च शिक्षा का प्रबंध करना एवं उनके बौद्धिक , शैक्षणिक तथा नैतिक दृस्टि से परिपूर्ण प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का निर्माण करना है जो भावी रास्त्र निर्माण में सहायक हो सके | छात्रों एवं महिलाओ के लिए “स्वस्थ्य शिक्षा जाग्रति” इस संस्था का मूल उद्देश्य है |

महाविद्यालय छात्रों में कंप्यूटर जाग्रति लेन हेतु प्रयासरत  है | उल्लेखनीय है की महाविद्यालाया में प्रवेश लेने वाली छात्रों को हम केवल छात्रा के रूप में नही स्वीकार करते और न ही उनके क्रियाकलापों की अध्ययन कक्षा तक ही सीमित करते है, अपितु प्राचार्य एवं प्राध्यापको से लेकर कर्मचारी गण छात्राओ के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास, नैतिक आदर्श, संचेतना, कैरियर निर्माण, सांस्कृतिक, साहित्यिक, एवं क्रीड़ा गतिविधियों की सहभागिता, स्वरोज़गार तथा अन्यान्य महत्वपूर्ण उदेश्यो की पूर्णता हेतु कटिबद्ध रहते है |

विविध राष्ट्रीय – अन्तर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठियों एवं अन्य आयोजनो में हमारे प्राध्यापको की सहभागिता, शोध परियोजनाओं में सलगंता से संस्था की अकादमिक छवि विस्तारित हुई है । शिक्षक-अभिवावक संकल्पना के माध्यम से सम्मानीय  अभिवावकों को हमारे संस्था परिवार  में सम्मलित किया है ।

प्राचार्य की कलम से…

यह महाविद्यालय उत्कृष्ट उच्चशिक्षा के प्रति अहर्निश समर्पित है। छात्राओं का स्वर्णिम भविष्य बनाना, उनके संस्कारों में निखार लाना, उनकी प्रज्ञा को प्रखर करना, व्यक्तित्व का विकास मानसिक विकास, मानवीय मूल्यों का विकास करना, और उन्हें सफलता के उच्चतम सोपान पर, चढ़ने हेतु प्रेरित करना, यह हमारा पुनीत कर्तव्य है। विधालयीन शिक्षा प्राप्ति के पश्चात, जब छात्राएं महाविद्यालयीन शिक्षा में प्रवेश करती है और दैदीप्यमान मोतियों एवम् सीपियों को प्राप्त कर, जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करती है। कन्या शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण हमारा लक्ष्य है। नेपोलियन ने सही कहा था ’’ तुम मुझे अच्छी माता दो मैं तुम्हे अच्छा राष्ट्र दुँगा । ’’ छात्राएँ मासूमियत, इंसानियत एवम् इलनियत की खूबसूरत मिसाल पेश करती है। कभी माँ सरस्वती का रूप धारण कर शिक्षा की अविरल धारा प्रवाहित करती है तो कभी माँ दुर्गा का रूप धारण कर तूफानों से टकराती है और भागीरथ प्रश्न के द्वारा गंगा को पृथ्वी पर ले आती है। (Read More)

 

 महाविद्यालय की अन्य आकर्षण

1. वर्ष में ३ बार आंतरिक मूल्याङ्कन एवं इकाई परीक्षा ।
2. राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ।
3. आधुकिन एवं उन्नत प्रयोगशालाएं ।
4. अनुसूचितजाति /जनजाति कल्याण एवं विकास प्रकोष्ठ ।
5. रेडक्रॉस  समिति |

6. स्वरोज़गार प्रकोष्ठ |
7. मार्गदर्शन एवं परामर्श प्रकोष्ठ ।
8. सुसज्जित ग्रंथालय एवं वाचनालय ।
9. खेलकूद सुविधाएँ ।

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