प्राचार्य की कलम से

Dr. R. K. Verma (Principal)

यह महाविद्यालय उत्कृष्ट उच्चशिक्षा के प्रति अहर्निश समर्पित है। छात्राओं का स्वर्णिम भविष्य बनाना, उनके संस्कारों में निखार लाना, उनकी प्रज्ञा को प्रखर करना, व्यक्तित्व का विकास मानसिक विकास, मानवीय मूल्यों का विकास करना, और उन्हें सफलता के उच्चतम सोपान पर, चढ़ने हेतु प्रेरित करना, यह हमारा पुनीत कर्तव्य है। विधालयीन शिक्षा प्राप्ति के पश्चात, जब छात्राएं महाविद्यालयीन शिक्षा में प्रवेश करती है और दैदीप्यमान मोतियों एवम् सीपियों को प्राप्त कर, जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करती है। कन्या शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण हमारा लक्ष्य है। नेपोलियन ने सही कहा था ’’ तुम मुझे अच्छी माता दो मैं तुम्हे अच्छा राष्ट्र दुँगा । ’’ छात्राएँ मासूमियत, इंसानियत एवम् इलनियत की खूबसूरत मिसाल पेश करती है। कभी माँ सरस्वती का रूप धारण कर शिक्षा की अविरल धारा प्रवाहित करती है तो कभी माँ दुर्गा का रूप धारण कर तूफानों से टकराती है और भागीरथ प्रश्न के द्वारा गंगा को पृथ्वी पर ले आती है।

मुझे गर्व है कि यहाँ के प्रबुद्व प्राध्यापकगण ऐसी ही छात्राओं को पुष्पित पल्लवित कर, समाज और राष्ट्र सेवा के लिए तैयार करते है प्राध्यापकों के समर्पण एवं लग्नता से यह महाविद्यालय निरंतर प्रगति के सोपान पर अग्रसर हो रहा है।

सन् 1989 में एक बीज बोया गया था, जो प्रस्फुटित होकर, ज्ञान की विभिन्न धाराओं में प्रवाहित हो रहा है। स्नातक से स्नातकोत्तर एवं एम.काॅम तक की यह ज्ञानधारा सतत् प्रवाहित हो रही है। छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए समृद्ध ग्रंथालय है। साथ ही संस्कार और संस्कृति एवं बहुमुखी प्रतिभा को निखारने के लिए विशाल आॅडिटोरियम है। महाविद्यालय की अधोसंरचना छात्राओं हेतु अनुकूल है। हमारी छात्राएँ जो महाविद्यालय की शान है, उनका मौलिक चिंतन समाज के लिए एक मिसाल है। ये छात्रायें हमारी धरोहर है यही हमारी पहचान है इन्हीं उद्धेश्यों की प्रपूर्ति में, पूरा महाविद्यालय परिवार सतत् संलग्न होकर, आशान्वित है कि शिक्षा को सर्वसूलभ, रोजगारोन्मुख, सर्वोपयोगी, बनाये, जाने लिए हमारा मानवीय चिंतन गतिमान है। हमारा महाविद्यालय किसी स्मारक और इतिहास का गवाक्ष हो या न हो, किन्तु इतना जरूर है कि यह बेबसाईट महाविद्यालय का आईना जरूर है।

युसुफजई मलाला ने ठीक कहा है – एक बच्चा, एक टीचर, एक कलम, एक किताब दुनिया बदल सकता है।